अमृतसर की संधि | 25 April, 1809 |
Amritsar Treaty | Ranjeet Singh & East India Company |
Governer General | Lord Minto First |
Founder Of Sikkh Empire | Ranjeet Singh |
Ranjeet Singh Death | 1839 |
Lord Minto Of British Envoy | Charls Metekof |
अमृतसर की संधि (Pact Of Amritsar) | अमृतसर की सन्धि 25 अप्रैल, 1809 ई. को हुई। यह सन्धि (accord) इसलिए हुई थीं क्योकि फ़्रांस की शक्ति (Power) लगातार बढ़ रही थी/ Treaty of amritsar जिससे बाद में फ़्रांस और रूस देश मित्रता करने की सोच रहे थे। इन दोनों देशों के मित्रता करने से अंग्रेजो को काफी भय था की ऐसा हुआ तो कुछ समय में ये देश अंग्रेजो के सामने मुसीबत बन खड़े होंगे, इसलिए अंग्रेजो ने साजिश रच डाली। रणजीत सिंह (Ranjit Singh) ने 1796 में जमान शाह (Jaman Shah) को हराया, 1799 में लाहौर पर विजय (Victory on Lahore) और 1802 में अमृतसर पर विजय (Victory On Amritsar) किया। रंजीत सिंह की इतनी सारी विजय(Win) या उपलब्धि (Achievement) के कारण पुरे अंग्रेज बहुत परेशान थे और डरे हुए थे। रंजीत सिंह भी अंग्रेजो के द्वारा बहुत सारे क्षेत्र पर अधिकार करने के कारण डरे हुए थे। अंग्रेजी अधिकारियों के अलावा विरोधी सिक्ख लोगों के कारण रंजीत सिंह (Ranjit Singh) को डर था जिससे उन्होंने अंग्रेजो के साथ संधि (Agreement) कर ली।
रंजीत सिंह पंजाब का शासक था। महाराज रणजीत सिंह सिक्ख साम्राज्य के Founder थे (Ranjit Singh was founder of sikh empire)। अमृतसर की सन्धि में पंजाब के शासक रणजीत सिंह और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच में हस्ताक्षर हुए (Between Ranjit Singh the treaty of amritsar was signed) . ईस्ट इंडिया कंपनी (East india Company) की और से लॉर्ड मिंटो (Lord Minto) का ब्रिटिश दूत (British Envoy) चार्ल्स मेटकाफ इस सन्धि (Contract) में मुख्य था।
इस सन्धि (Protocol) के समय लार्ड मिंटो भारत का गवर्नर जनरल था (Lord Minto was the governor-general of India at the time of the treaty of Amritsar).
अमृतसर की संधि (Treaty of Amritsar) में रणजीत सिंह को अंग्रेजो की बातों को मानना पड़ा। इस सन्धि में रणजीत सिंह को सतलज नदी (Satlaj River) के पूर्वी क्षेत्र में रहने और उत्तरी क्षेत्र में राज्य विस्तार की स्वेच्छा विस्तार की अनुमति।
उत्तर-पश्चिम में सिक्ख साम्राज्य संस्थापक रंजीत सिंह ने अपने राज्य का विस्तार करते हुए मुल्तान पर 1818 में, 1819 में काश्मीर पर, और 1823 में पेशावर पर अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) कर लिया।
1809 में शाहशुजा (अब्दाली का पोता) जिसको उसके अपने भाई ने पद विहीन कर दिया था, लाहौर में निर्वासित जीवनयापन कर रहा था। रणजीत सिंह ने उसे पुनः सत्ता की कमान देने में सहायता दी।
पंजाब का राजा रणजीत सिंह को अफगान के शासक शाहशुजा से ही प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा प्राप्त हुआ जिसे नादिरशाह लाल किले से लूटकर लेकर चला गया था।
सिक्ख सेनापति हरि सिंह नलवा ने जमरूद और पेशावर को अफगान शासको के कब्जे से छीन लिया।
1839 में राजा रणजीत सिंह की मृत्यु(Ranjit Singh Death) हो गयी।
रंजीत सिंह की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी निम्न प्रकार बैठे –
खड़ग सिंह [1839-1840]
ननिहाल सिंह [1840 -1841]
शेरशाह सिंह [1841 -1843]
दिलीप सिंह [1843 -1849]
अमृतसर की संधि पंजाब के अमृतसर शहर में आयोजित हुई (Treaty of Amritsar was held on amritsar city of punjab).
Question 1. Amritsar Ki Sandhi Kab Hui?
Answer – Amritsar ki sandhi 25 April 1809 me hui.
Question 2. Amritsar Ki Sandhi Kiske Beech Hui?
Answer – Amritsar ki sandhi Punjab Ke raja Ranjit Singh or east India company Ke lord Minto Ke British doot Charles Metecop Ke beech hui?